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हरियाणा सरकार द्वारा 26 सितंबर 2022 तक लगातार हो रही 5 दिन की बारिश में फसल के खराब होने की स्थिति में ई फसल क्षति पूर्ति पोर्टल लांच किया गया है। अब किसान सिर्फ 72 घंटे के अंदर अपनी फसल की क्षति पूर्ति करने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं। हरियाणा ई फसल क्षति पूर्ति पोर्टल योजना का शुभारंभ 26 सितंबर 2022 को किया गया जो कि किसानों के लिए उनकी फसल खराब होने की स्थिति में पंजीकरण करने की अनुमति प्रदान करता है जिसकी वजह से किसान अपना मुआवजा सीधा खाते में प्राप्त कर सकता है।
बिना मौसम के हो रही बारिश की वजह से किसान हमेशा परेशान रहते हैं तथा उनके फसल को काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है जिसकी वजह से किसानों को ना तो फसल का फायदा होता है और ना ही उसे कुछ किया जा सकता है और किसान जिसकी वजह से काफी ज्यादा परेशान रहता है तथा सरकार का मुआवजा भी मैनुअल तरीके से काफी समय बाद दिया जाता है इसी समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ई फसल की पूर्ति पोर्टल योजना का शुभारंभ किया है।
Table of Contents
Key features of Haryana e fasal Kshatipoorti Portal
पोर्टल का नाम | हरियाणा ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल |
किसके द्वारा शुरू किया गया किसके लिए शुरू किया गय | हरियाणा सरकार द्वारा |
किसके लिए शुरू किया | हरियाणा के किसानों के लिए |
पोर्टल का उद्देश्य | किसान फसल की क्षति पूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन |
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हरियाणा फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए इस कदम से जो हानी किसानों की फसल को बिना मौसम के बरसात या अन्य किसी प्राकृतिक आपदा के कारण हुई आने के लिए आवेदन करने का ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया है अब किसान किसी भी प्राकृतिक आपदा से हुए फसल के नुकसान के बारे में इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से फसल की क्षतिपूर्ति के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं लेकिन यह पंजीकरण फसल की क्षति होने के 72 घंटे के अंदर करवाना अनिवार्य है।
किसानों के आवेदन करने के बाद पटवारी मौजूद इलाके में जाकर किसान द्वारा पंजीकरण किए गए रकबा में फोटो के साथ जांच करेंगे यह जात पटवारी किसान द्वारा जमा करवाई गई शिकायत के 7 दिन के भीतर की जाएगी और वह अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर सौंपेंगे जोकि पटवारी तथा तहसीलदार समेत एसडीएम भी किसान के मोबाइल नंबर के साथ शिकायत को खोल कर देख पाएंगे।
जिसके बाद किसान की क्षतिपर्ति की राशि सीधे उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी जिससे कि किसानों को मुआवजा लेने के लिए इधर-उधर चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई वह अपने घर पर ही बैठकर ऑनलाइन शिकायत के माध्यम से ही कर पाएंगे।
इस योजना में उन किसानों को शामिल नहीं किया गया है जिन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना तथा बीज विकास निगम प्रोग्राम के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। इनमें से किसी भी योजना का लाभ ले रहे किसान को इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं होगा।
ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से किसान की फसल मैं हुए नुकसान जैसे कि ओलावृष्टि, आग, सूखा, बाढ़, शीत लहर, भूकंप, भूस्खलन, बादल का फटना, जलभराव, भारी बारिश तथा कीट का अमला व धूल भरी आंधी से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करेगी।
इसके लिए सरकार ने पांच अलग-अलग फ्लैट बनाए हैं जिसमें की फसल की क्षति के हिसाब से रखा गया है जैसे शून्य से 24%, दूसरा है 25 से 32%, तीसरे स्लैब में 33 से 49%, चौथे स्लैब में 50 से 74%, और अंतिम स्लैब में 75% से 100% तक के नुकसान को रखा गया है। इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जिन्होंने अपनी फसल की बिक्री के लिए ऑनलाइन आवेदन पहले से करवा रखा है नए किसानों को इस योजना का आवेदन नहीं मिलेगा पहले किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
ई फसल क्षतिपूर्ति योजना का उद्देश्य
इस पोर्टल के माध्यम से हरियाणा सरकार किसानों को लगातार हो रहे नुकसान क्षतिपूर्ति करने के लिए शुरू किया गया है जिसके द्वारा किसान कभी भी 72 घंटे के अंदर अपनी चल के नुकसान के बारे में पोर्टल पर सूचित कर सकता है और जिसके बाद पटवारी मौके पर पहुंच कर इसकी जांच करेगा और रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा तथा रिपोर्ट के अनुसार सरकार मुआवजे की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर करेगी पहले यह राशि गैस में दी जाती थी और जिसको आने में काफी समय लग जाता था लेकिन अब इस प्रोसेस को और आसान करते हुए सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से सीधे डीडीटी यानी कि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के द्वारा सीधे किसान के खाते में दी जाएगी।
E fasal kshtipoorti portal के लाभ
- पोर्टल के माध्यम से किसान किसी भी समय ऑनलाइन फसल क्षतिपूर्ति का आवेदन जमा करवा सकता है और वह जल्द से जल्द सरकार से मुआवजा लेने की तैयारी कर सकता है।
- फसल खराब होने के बाद किसान को किसी भी सरकारी दफ्तर या ऑफिस में चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी वह सीधा पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से अपनी फसल के बारे में जानकारी प्रदान करके अपनी क्षति पूर्ति के लिए आवेदन कर पाएगा।
- यह पोर्टल बिना मौसम के हुई बरसात के कारण जलभराव की समस्या को ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा जिससे कि किसानों को आसानी से मुआवजे की राशि प्राप्त हो सके।
- इसके लिए किसानों को फसल खराब होने के 72 घंटे के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है जिसके बाद सरकार इसके मुआवजे के लिए आवेदन को मान्य करेगी।
ई फसल क्षतिपूर्ति योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- जमीन की फर्द
- फसल का रजिस्ट्रेशन
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आप हरियाणा सरकार की फसल छाती पूर्ति पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आप मोबाइल नंबर या फैमिली आईडी तथा फसल रजिस्ट्रेशन नंबर के द्वारा लॉगइन कर सकते हैं।
- अगर आपने असल का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो आप इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।
- अब किसान अपने किला नंबर के साथ फसल के नुकसान के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
- इसके बाद किसान अपना ऑनलाइन आवेदन जमा करें और उसका प्रिंटआउट अपने पास रख लेवे।